मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर
लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया।
ख्यात शायर और गीतकार मजरुह सुल्तानपुरी जी का ये शेर यहां पूरी तरह से मौजू है क्योंकि कोई शुरुआत कहीं जाकर नदी, पर्वत या विशालकाय और घनेरा वृक्ष हो जाया करती है...। अपनी बात आरंभ करता हूं दोस्तों प्रकृति पर जमीनी कार्य करने के का अपना ही आनंद है, हम यह भी भलीभांति जानते हैं कि प्रकृति पर अब केवल जमीनी कार्य की ही आवश्यकता है, एक जागरुकता जो स्वतः आपके मन तक ये संदेश पहुंचाए कि हां प्रकृति का संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है और इसके लिए हमें आगे आना होगा। वसुंधरा सभी की है और हम उसकी संतान। पावन उददेश्य के साथ 24 जून को दिल्ली रोड स्थित आवास विकास, मुरादाबाद, उप्र से नीम, आंवला, बरगद, पीपल के वृहद स्तर पर पौधारोपण के लिए जनभागीदारी से ‘हरी हो वसुंधरा’ अभियान की शुरुआत हुई। प्रकृति दर्शन, राष्ट्रीय मासिक पत्रिका और गोपालदत्त शिक्षण समिति, एनजीओ द्वारा ये अभियान संयुक्त तौर पर चलाया जा रहा है। जी हां एक और मन को जो बात छू गई वह ये कि हमारे अभियान के ठीक 20 मिनट पहले झमाझम बारिश हुई और उसके बाद कुछ देर बाद सूर्य का प्रकाश फैल गया, मौसम खुल गया....और अभियान की शुरुआत हो गई। इस दौरान अतिथि के तौर पर शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार में सदस्य मो. मज़ाहिर खान और नगरनिगम में नामित पार्षद तथा पूर्व सांसद मीडिया प्रभारी हरीश बोरा उपस्थित थे।
मो. मज़ाहिर खान ने कहा कि कोरोना के इस समय ने हमें सिखा दिया है कि प्रकृति की ओर लौटना चाहिए, प्रकृति संरक्षण में हमें अपनी भूमिका का निर्वहन पूरी ईमानदारी से करना चाहिए। उन्होंने कहा ‘हरी हो वसुंधरा’ जैसे अभियान इस समय मानव और प्रकृति दोनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। संस्था गोपालदत्त शिक्षण समिति, एनजीओ द्वारा किया गया ये प्रयास सराहनीय है और इस अभियान से हम सभी को पूरी निष्ठा के साथ जुड़ना चाहिए।
नामित पार्षद हरीश बोरा ने कहा कि प्रकृति समझा रही है कि अब जंगल काटने की जगह हमें पौधारोपण पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए। अधिक से अधिक पौधे लगाने के साथ इस बात पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है कि हम शत-प्रतिशत पौधों को वृक्ष बनाने की जिम्मेदारी निभाएं। संस्था ने एक शुरुआत की है और इसे अनवरत रखा जाना चाहिए।
एनजीओ के अध्यक्ष बालादत्त शर्मा ने बताया कि हम अधिकांश नीम, आंवला और पीपल के पौधों का रोपण करेंगे। हमें केवल पौधारोपण ही नहीं करना है ये भी समझ होनी जरुरी है कि इस प्रकृति को आखिर किन पौधों की अधिक आवश्यकता है। मुरादाबाद से आरंभ हुआ यह अभियान उप्र के अन्य जिलों और फिर देश के दूसरे राज्यों तक पहुंचेगा। संस्था के प्रकृति संरक्षण को लेकर कुछ और अभियान है जो जल्द आरंभ किए जाएंगे।
एनजीओ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर और पत्रिका के संपादक संदीप कुमार शर्मा ने बताया कि हम पर्यावरण को लेकर बेहद संजीदगी से कार्य कर रहे हैं और ये पौधारोपण अभियान उसी का एक हिस्सा है। हमारा मानना है कि हमारी ये वसुंधरा आरंभ में हरी थी, वृक्षों से भरी हुई थी और मौजूदा दौर में ये उससे विपरीत स्थिति में है। हमारा यह अभियान वसुंधरा को हरा करने का प्रयास है। हमारा उददेश्य इस दौरान उन पौधों का रोपण करना है जो प्रकृति को बेहतर होने में सहयोग प्रदान करते हैं इसीलिए नीम, पीपल, आंवला और बरगद को हमने अभियान में प्रमुखता से रोपित करने का निर्णय लिया है, बेशक इनमें जो पौधे हैं वे वृक्ष बनने में कई साल लेते हैं लेकिन ये भी सच है कि एक पौधा जब वृक्ष बन जाता है तब वह लंबे समय प्रकृति के इस मौसम चक्र का हिस्सा हो जाता है।
इस दौरान आवास विकास पार्कों में नीम, पीपल, आंवला के पौधों का रोपण किया गया। इस दौरान आवास विकास कालॉनी से महेंद्र शर्मा, एम.पी. शर्मा, भुवनेश शाक्य, जाकिर सुरूर, महेश कुमार, गीतांजलि पाण्डेय, श्रीमती एम.पी.शर्मा, डॉ. कमला शर्मा, डॉ. ललिता पाण्डेय, मोहिनी देवी शर्मा, श्री गोपालदत्त शर्मा, दिव्यांशी शर्मा, कनिष्का शर्मा, कृतिका शर्मा सहित क्षेत्रवासी भी उपस्थित थे, सभी ने पौधारोपण में संस्था के सहयोग का संकल्प लिया।
पौधे भेंट करने आगे आए रहवासी
इस अभियान के बाद आवास विकास के रहवासी पौधारोपण अभियान सतत चलाने के लिए मदद के लिए आगे आए और उन्होंने अपनी ओर से संस्था को बारी-बारी पौधे मुहैया करवाने की बात कही, श्री महेंद्र शर्मा जी तथा श्रीमती गीतांजलि पाण्डेय द्वारा 50-50 पौधे संस्था को उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया गया। पौधारोपण का ये कार्य संस्था द्वारा जनभागीदारी से किया जा रहा है।
आप भी सहभागिता कर सकते हैं
ये अभियान मुरादाबाद, उप्र के आरंभ होकर उप्र, उत्तराखंड के बाद देश के विभिन्न हिस्सों तक पहुंचेगा। आप भी यदि इसमें सहभागिता करना चाहते हैं या हमारे एनजीओ से जुड़ना चाहते हैं या एनजीओ को पौधे उपलब्ध कराना चाहते हैं तब आप हमसे संपर्क कर सकते हैं। इस अभियान को जनभागीदारी से चलाने का उददेश्य केवल इतना है कि हम एक से दो, दो से चार और चार से हजार होना चाहते हैं, हम चाहते हैं सभी अपने आप में अंकुरित हों और पौधारोपण और प्रकृति संरक्षण के प्रति सजग हों...।
संदीप कुमार शर्मा
प्रोजेक्ट डायरेक्टर, गोपालदत्त शिक्षण समिति, एनजीओ
website- www.onlinengo.org
email- gdss2009@gmail.com
what'sapp- 8191903651, 8191903650
11 Comments
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 27 जून 2021 को साझा की गयी है.............. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteआभार आपका यशोदा जी...।
ReplyDeleteसार्थक कार्य के लिए हार्दिक बधाई 🙏
ReplyDeleteडॉ. शरद मैम आभार आपका...हम नीम, आंवला, पीपल और बरगद ही प्रमुखता से लगाएंगे और ये अभियान अब संचालित होता रहेगा। आभार आपका।
Deleteप्रकृति के संरक्षण हेतु उत्कृष्ट कार्य के लिए आप बधाई के पात्र हैं |
ReplyDeleteअनुपमा जी आभार आपका...हम नीम, आंवला, पीपल और बरगद ही प्रमुखता से लगाएंगे और ये अभियान अब संचालित होता रहेगा। आभार आपका।
Deleteउत्तम प्रयास । वसुंधरा अत्यंत हर्षित है ।
ReplyDeleteसंगीता जी आभार आपका...हम नीम, आंवला, पीपल और बरगद ही प्रमुखता से लगाएंगे और ये अभियान अब संचालित होता रहेगा। आभार आपका।
ReplyDeleteबहुत ही सराहनीह प्रयास।
ReplyDeleteसुधा जी आभार आपका...हम नीम, आंवला, पीपल और बरगद ही प्रमुखता से लगाएंगे और ये अभियान अब संचालित होता रहेगा। आभार आपका।
Deleteआपको साधुवाद। आपका कारवां बन रहा है शर्मा जी।
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