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जय नागड़ा- एक शानदार शख्सियत



 









(आओ सोशल मीडिया को सामाजिक बनाएं-हम लोग )

मैं आज आपको एक गहरे फोटोग्राफर, गहन पत्रकार और उससे भी कहीं बढ़कर एक शानदार चिंतन वाले इंसान से परिचित करवा रहा हूं...। वरिष्ठ पत्रकार और आजतक तथा यूएनआई के संवाददाता तथा मेरी पत्रकारिता को परिकृष्त करने वाले आदरणीय जय नागड़ा जी का 17 जून को जन्मदिन था, उन्हें मैंने कुछ हटकर शुभकामनाएं दी हैं, मैं सोचता हूं कि आप किसी को जानते हैं ये इस बात से पता चलता है कि आप उसे उसके खास दिन पर किस तरह से कोई यादों का तोहफा भेंट कर सकते हैं...और वही मैंने किया...। मैं चाहता हूं कि सोशल मीडिया पर केवल बधाई और शुभकामनाएं ही न दी जाएं....आप किसी को जानते हो तो उसे सभी से परिचित करवाएं उसके श्रेष्ठ कर्म और जीवन की चर्चा सभी से हो...। 

जय नागड़ा जी के  पिता प्रफुल्ल नागड़ा जी वे व्यक्ति थे जिनके व्यक्तित्व ने उन्हें निखारा और तराशा, ये बेहद सहज होकर कहने की बात है कि वे अपने पिता को देखकर बहुत सीखे हैं, प्रफुल्ल नागडा जी ही वे व्यक्ति थे जिन्होंने उन्हें बेहद तराशा है, अंदर से रोपा है, उन्हें अंकुरित किया है, पल्लवित किया है। हालांकि ये आदरणीय जय नागड़ा जी के जन्मदिन का अवसर है और चाहें तो रस्म अदायगी में केवल शुभकामनाएं लिख दी जाएं तब भी कोई हर्ज नहीं है लेकिन मैंने सोचा कि सोशल मीडिया पर कुछ और लिखा जाए...ये शायद एक शुरुआत है और शायद ऐसा होना चाहिए कि हम यदि किसी के जन्मदिन पर शुभकामनाएं दे रहे हैं तब केवल उस एक तिथि को यादकर उसे शुभकामनाएं दे देने भर से कुछ भी खास नहीं होता, उसे और बेहतर तरीके से सोचिएगा कि हम जिसे शुभकामनाएं दे रहे हैं उसकी शख्सियत क्या है और किसके कारण है, कौन है जिसका नाम उनके साथ लिया जाना चाहिए, कौन है जिसे उस व्यक्ति के साथ लिखा जाना चाहिए। अमूमन यहां पिता हो सकते हैं, मां हो सकती हैं, पत्नी हो सकती है या परिवार का कोई सदस्य, कोई दोस्त, कोई परिचित या कोई एक बार मिला और फिर कभी न मिला अंजान सा मुसाफिर...। मैं यहां आरंभ कर रहा हूं इस बार कि मैं जब भी किसी के जन्मदिन पर कोई पोस्ट लिखूंगा तब ये भी अवश्य लिखूंगा कि वह कौन है और किसकी वजह से है...। शुरुआत जय नागड़ा जी से...। 

उनके साथ तकरीबन तीन वर्ष नईदुनिया में कार्य किया है...बतौर पत्रकारिता सीखने के उददेश्य से....बिना किसी पत्रकारिता अध्ययन प्राप्त किए बिना...। खैर, अपनी बात कभी और लेकिन आज बात करते हैं वरिष्ठ पत्रकार जय नागड़ा जी। आज मैं यहां दो फोटोग्राफ पोस्ट कर रहा हूं दोनों ही आपकी फेसबुक वॉल से बिना अनुमति के उठाए गए हैं, प्रेम और भरोसे के वशीभूत होकर। एक फोटोग्राफ है जय नागड़ा जी के पिता प्रफुल्ल नागड़ा जी का जो पार्श्व गायक किशोर कुमार जी के साथ हैं और दूसरा फोटोग्राफ है जय नागड़ा जी का जो मप्र के मुख्यमंत्री रह चुके और बेहद आत्मीय नेता कैलाश जोशी जी के साथ हैं...। बात ये आती है कि जय नागड़ा जी बचपन से पिता को देखते रहे कि वे किस तरह जीवन को सृजित कर रहे हैं, कैसे अपनी कला को कभी कैमरे की नजर से कभी नारियल के मुखौटों में आकार दे रहे हैं। वे पिता को देखते गए और अंदर से सृजित होते गए, कैमरा उस उम्र में थामना जब जिंदगी विरोध सिखाती है, क्रोध सिखाती है उस दौर में कैमरा थामने का साहस और धैर्य प्रफुल्ल नागड़ा से जी से मिला। वे शांत और अपने कर्म में जुटे रहने वाले व्यक्ति के आसपास निखर रहे थे। विरासत मिल भी जाती है लेकिन जरुरी नहीं है कि जिसके हाथ में वह पहुंच रही है वह उसे सहेज पाए, लेकिन यहां ऐसा नहीं हुआ वे फोटोग्राफी के साथ, अखबार और अपने आपको पूरी तरह से परिकृष्त करते रहे, समय बीतता गया...। अक्सर सिखाने वाले पिता हमेशा साथ थोड़े ही रहते हैं...लेकिन यह जय नागड़ा जी की खूबी है कि उन्होंने अपने पिता से मिली कला को जीवंत रखा और परिष्कृत कर समय की धूल नहीं जमने दी और आज बेहतर बनाकर वे उसे सहेज रहे हैं चाहे फोटोग्राफी हो, स्पष्टवादिता हो या फिर मिलनसारिता...। सच का साहस उन्हें इसलिए भी अनूठा बनाता है क्योंकि उन्होंने एक ऐसे परिवार में जीवन जीया है जहां मन को शांत रखने की कला शायद सबसे पहले सिखाई जाती रही होगी...। लिखने को बहुत कुछ है कि आज तक जैसे ख्यात न्यूज चेनल तथा यूएनआई के संवाददाता होने के साथ एक सहज और बेहद भावुक इंसान भी हैं...चलिये उन्हें नए अंदाज में शुभकामनाएं देते हैं कि वे इसी तरह उत्तरोत्तर उन्नति करें और सच को बेखोफ सामने लाते रहें जैसा कि ये खंडवा शहर उनसे उम्मीद लगाए बैठा करता है अक्सर।

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(पहला फोटोग्राफ जय नागड़ा जी के पिता प्रफुल्ल नागड़ा जी का है, वे पार्श्व गायक किशोर कुमार के साथ हैं...ये बहुत पुराना फोटोग्राफ है..।)

(दूसरा फोटोग्राफ जय नागड़ा जी का है वे मप्र के मुख्यमंत्री रह चुके कैलाश जोशी जी के साथ हैं...। ) 



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2 Comments

  1. एक शानदार शख़्सियत जय नागड़ा जी से परिचय कराने के लिए आपका आभार,जय नागड़ा जी को जन्मदिन की अशेष शुभकामनाएँ।

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    1. बहुत आभार जिज्ञासा जी...।

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