महासागर हमेशा ही कौतुहल का विषय रहे हैं, जब भी हममें से कई लोगों ने समुद्र में जहाज से यात्राएं की होंगी तो हम पाते हैं कि महासागर को महासागर क्यों माना जाता है, उसके अनेक कारण हैं इसमें सबसे महत्वपूर्ण कारण है उसका विशाल आकार और गहराई। एक स्वाभाविक सा प्रश्न हममें से सभी के मन में जन्म लेता है कि आखिर विश्व में कितने महासागर हैं (how many oceans are there in the world) हालांकि यह तो हममें से अधिकांश ने स्कूलों में पढ़ा है लेकिन अब भी बहुत बड़ी आबादी है जो इस विषय को जानना चाहती है, यहां महत्वपूर्ण बात यह भी है कि महासागर किन हिस्सों में हैं और अनुमानित गहराई क्या है इसकी भी प्रबल जिज्ञासा रहती है, हालांकि यह हम बचपन में पढ़ चुके होंगे लेकिन पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से यह इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि महासागर बेशक विशाल हैं, गहरे हैं लेकिन इस दौर में वे बहुत बड़े संकट से भी गुजर रहे हैं। यहां हम दुनिया के महासागरों एक बार फिर समझने का प्रयस करेंगे। 

70 प्रतिशत से अधिक हिस्से में महासागर 

इस धरती पर महासागर का नाम सुनते ही हमारे नजर में पानी की एक अथाह सतह आ जाती है, यहां बताना चाहते हैं कि इस पृथ्वी पर 70 प्रतिशत से अधिक हिस्से में महासागर हैं, यह कितने हैं, कहां हैं और अनुमानित गहराई कितनी है उसे भी यहां समझने का प्रयास करते हैं। 

1. प्रशांत महासागर

सबसे पहले हम प्रशांत महासागर की बात करते हैं। प्रशांत महासागर की भौगालिक स्थिति का आकलन करें तो यह सबसे बड़ा और गहरा है। उत्तर दिशा में आर्कटिक से दक्षिण में अंटार्कटिक तक फैला हुआ है। एशिया महाद्वीप और ऑस्ट्रेलिया की पूवी तट रेखाओं, अमेरिका की पश्चिमी तट रेखाओं के अलावा अंटार्कटिका के उत्तरी और दक्षिणी तटों से घिरा हुआ है। इसी कारण इसे दुनिया का सबसे बड़ा महासागर कहा जाता है। 

प्रशांत महासागर की गहराई की बात करें तो मारियाना ट्रेंच इसका सबसे गहरा बिंदु माना जाता है जो लगभग 36,070 फीट (10,994 मीटर) है।  

2. अटलांटिक महासागर

अटलांटिक महासागर दूसरे नंबर पर आता है, यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा महासागर कहा जाता है, इसकी सीमा देखें तो पश्चिम में अमेरिका और पूर्व में यूरोप और अफ्रीका से तक पहुंचती है, यह उत्तर में आर्कटिक महासागर से लेकर दक्षिण में दक्षिणी महासागर तक फैला हुआ है। 

अटलांटिक महासागर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा महासागर है इस लिहाज से इसकी गहराई की जानकारी भी जिज्ञासा का विषय है। प्यूर्टो रिको ट्रेंच अटलांटिक का सबसे गहरा बिंदु है, जो लगभग 28,232 फीट (8,605 मीटर) की गहराई तक पहुंचता है।

3. हिन्द महासागर

हिन्द महासागर की बात करें तो यह दुनिया को तीसरा सबसे बड़ा महासागर है। यह उत्तर में भारतीय उपमहाद्वीप, पश्चिम में अरब प्रायद्वीप और अफ्रीका और पूर्व में इंडोनेशिया के द्वीपों से  घिरा हुआ है। हिन्द महासागर की गहराई को जानना जिज्ञासा का केंद्र रहा है। 

सुंडा ट्रेंच हिंद महासागर का सबसे गहरा बिंदु है, जो लगभग 25,344 फीट (7,725 मीटर) की गहराई तक गिरता है।

4. दक्षिणी महासागर

दक्षिणी महासागर की भौगोलिक स्थितियों को देखें तो पाएंगे कि यह अंटार्कटिका को घेरता है और इसे दुनिया के महासागरों में सबसे नया महासागर माना जाता है। इसे अंटार्कटिक सर्कम्पोलर धारा ;।दजंतबजपब ब्पतबनउचवसंत ब्नततमदजद्ध द्वारा परिभाषित किया गया है।

दक्षिणी महासागर की गहराई को हम यहां देखें तो पाएंगे कि इसका सबसे गहरा बिंदु साउथ सैंडविच ट्रेंच है, जिसकी गहराई लगभग 23,737 फीट (7,235 मीटर) है।

5. आर्कटिक महासागर

आर्कटिक महासागर सबसे छोटा और उथला महासागर है, जो आर्कटिक क्षेत्र के आसपास स्थित है इसमें रूस, कनाडा, ग्रीनलैंड, संयुक्त राज्य अमेरिका, नॉर्वे और आइसलैंड के कुछ हिस्से शामिल हैं।

आर्कटिक महासागर की गहराई की बात करें तो यूरेशियन बेसिन इसका सबसे गहरा बिंदु है, जिसकी गहराई लगभग 17,881 फीट (5,450 मीटर) तक है।



महासागरों को समझने के लिए हमें उसका गहराई से अध्ययन करना जरुरी है। हमारी दुनिया में महासागरों की महत्वपूर्ण भूमिका है, इनसे पारिस्थितिक तंत्रों को संरक्षण और ताकत मिलती है। हमारे मौसम चक्र के सुव्यवस्थित संचालन के लिए महासागरों का होना आवश्यक है, लेकिन मौजूदा दौर को समझें तो महासागर संकट की जद में है, प्लास्टिक दुनिया के लिए महासंकट है और वही प्लास्टिक महासागर के असंख्य जलीय जीवों की जान का भी संकट बन रहा है, महासागर रहेंगे तो जैव विविधता और जलीय जीव रहेंगे और उनका होना इस प्रकृति के संरक्षण के लिए बेहद आवश्यक है। 


संदीप कुमार शर्मा, संपादक, प्रकृति दर्शन पत्रिका