अमूमन आप कैमरा हाथ में पकड़ते हो और फोटोग्राफी की फीलिंग आने लगती है, आनी भी चाहिए लेकिन एक अच्छी तस्वीर इंतज़ार के बाद मिलती है...आपके पास कैमरा भी है नज़र भी है बावजूद इसके वो एक अच्छी तस्वीर की भूख नहीं मिटती...। अच्छी तस्वीर के मायने हैं जिसके क्लिक होते ही अहसास हो कि मन खुशी से भर गया और कैमरा, मन, आंखें और नज़र का एक तारतम्य बना और एक साथ क्लिक पर फोकस हुआ...बस फिर क्या था... एक तस्वीर आपके सामने थी...। कहा जाता है फोटोग्राफी के लिए कैमरा महत्वपूर्ण नहीं है, नज़र खास होना चाहिए... देखने का एंगल (नजरिया) जरूरी है...। मैं नेचर फोटोग्राफी करता हूँ मुझे अधिक धैर्य तब रखना पड़ता है जब पक्षियों को बतियाते देखता हूँ और उन्हें उसी अंदाज में तस्वीर बनाना चाहता हूं... खैर फोटोग्राफी यदि आपका शौक है तब यकीन मानिए कि आप प्रकृति के करीब स्वतः ही हो जाते हैं... फूल बतियाते ही नहीं बीच में खिलखिलाते भी हैं... पक्षी भी कई खूबसूरत अंद़ाज दिखाते हैं...आपके मन पर धैर्य जरूरी है क्योंकि एक अच्छी तस्वीर एक अच्छी जिंदगी जीने और अच्छे सपने के पूरा होने का ही सुख देती है...। आईये मन की नज़र पर रखें नज़र कि काश कोई ख्वाब तस्वीर हो जाए...।