राष्ट्रीय मासिक पत्रिका ’प्रकृति दर्शन’ का अप्रैल का अंक टैरेस गार्डिनिंग पर केंद्रित है...। कोरोना काल में हम प्रकृति के करीब आने का संदेश इस माध्यम से लेकर आ रहे हैं...। छत है तब हरियाली होनी चाहिए... ये हरियाली हमें अंदर से सूखने नहीं देगी...। अंक है-अपनी छत, सबकी हरियाली...। कवर पेज अवलोकनार्थ है, इस अंक को आप नीचे दिए गूगल प्ले बुक के लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं...इस अंक में कृषि वैज्ञानिक आपको बता रहे हैं... कैसे छत पर हरियाली और जैविक सब्जियां आप लगा सकते हैं...। हम उन्हें भी लाए हैं जिन्होंने अपनी छत पर हरीतिमा वाली दुनिया बसा रखी है...।
इस अंक में ब्लॉगर साथियों....जिज्ञासा जी की कविता और गगन शर्मा जी का आलेख भी शामिल है....।
गूगल प्ले बुक के लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं.
https://play.google.com/store/books/details?id=2HcpEAAAQBAJ
6 Comments
बहुत सुन्दर और सार्थक ।
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ऐसे लेखन से क्या लाभ? जिस पर टिप्पणियाँ न आये।
ब्लॉग लेखन के साथ दूसरे लोंगों के ब्लॉगों पर भी टिप्पणी कीजिए।
तभी तो आपकी पोस्ट पर भी लोग आयेंगे।
जी आपकी सलाह पर अमल करने का प्रयास करुंगा। आभार आपका।
ReplyDeleteछत पर बागबानी,बहुत ही सुंदर,आनंददायक और उपयोगी शौक है,मैने भी कर रखी है,मुझे बड़ी ऊर्जा तथा तारा तरह के फूल मिलते हैं, सब्जियां कम कर पति हूं,पर टमाटर,बैगन,धनिया पुदीना तथा मिर्च उगती हूं,दो ही चार दिन के लिए ही मिल पता है, पर उसका आनन्द बहुत अलग है,बढ़िया जानकारी तथा सुंदर संकलन के लिए आभार ।
ReplyDeleteजी...हमारी पत्रिका का प्रयास है हम सभी मिलकर प्रकृति के गांव चलें...। इस अंक में आपकी भी रचना है...। आभार
Deleteवाह👌👌👌 बहुत बहुत बधाई संदीप जी! टेरेस गार्डन के रूप में हरियाला कोना कंक्रीट के जंगल में प्राण वायु जैसा है! हार्दिक शुभकामनाएं आपके लिए! ईश्वर आपकी ऊर्जा और उत्साह हमेशा बनाये रखे 🙏🙏💐💐
ReplyDeleteपत्रिका का आवरण पृष्ठ मनमोहक है!
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