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हर रंग में सयानापन है


कैसा अद्भुत संयोग है, हमारी होली पास आती है और प्रकृति भी अपने चटख रंगों के साथ तैयार हो जाती है। कितनी खूबसूरत है रंगों की ये सुरमई सी मुसकान, देखो हर फूल तैयार है पत्ती को अपने रंग में भिगोने के लिए। प्रकृति के हर रंग में गजब के अहसासों वाला सयानापन है, माधुर्य है, लोच है, उत्सव है, कशिश है---। हम बस देखते हैं और उनके आमंत्रण में खिंचे चले जाते हैं ---। अबकी होली देखना होले से ये फूल शरारत करेंगे और मनचली पत्तियों को रंग मलकर छेड़ जाएंगे ---। एक ऐसी छुअन जो कभी उसके अंतस् से मुक्त नहीं होगी।

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