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प्रकृति दर्शन, पत्रिका




अब भी याद है कि जब मैं प्रकृति संरक्षण पर आधारित पत्रिका ‘प्रकृति दर्शन’ का विमोचन करवाने के लिए जलपुरुष आदरणीय राजेंद्रसिंह जी के पास पहुंचा था, हालांकि वह उनसे मेरी दूसरी मुलाकात थी, लेकिन सर्वथा वह पहली ही मानता हूं क्योंकि पहली मुलाकात के समय हमने उन्हें दर्शक दीर्घा में केवल सुना था, तब सोचता था कि आखिर इस इंसान को कैसे बनाया होगा उस ईश्वर ने, लेकिन जब पत्रकारिता के क्षेत्र में दाखिल हुआ तब सीखता गया और समझता गया और जब हिम्मत जुटाकर प्रकृति के लिए हर तरह से कार्य करने को अपने आप को तैयार कर लिया तब आदरणीय राजेंद्रसिंह जी मिलने का मन बनाया, मुझे मदद की आदरणीय जय नागड़ा जी ने। 

उन्होंने भाईसाहब का नंबर भी दिया और मुझे साहस भी। आखिरकार तिथि तय हो गई और जगह भी। दिल्ली में गांधी पीस फाउंडेशन में आदरणीय भाईसाहब ने समय दिया, हम अर्थात मैं और पत्रिका के प्रबंध संपादक बालादत्त शर्मा तथा महत्वपूर्ण सहयोगी धर्मेंद्र चौहान उतावले थे और समय से बहुत पहले पहुंच गए। कुछ देर बाद एक सहज सी मुलाबात के बाद उन्होंने सभी को स्नेह से गले लगा लिया और कहा पहले नाश्ता करेंगे उसके बाद विमोचन। 

नाश्ता आपके साथ ही हुआ और बहुत सी गहरी बातें...मुझे लगा जिसे ये जिंदगी अंदर से गढ़ती है तब उसे पूरी तरह तराशती है इसमें बेहद कठिनाई अवश्य है लेकिन जब व्यक्ति निखरता है तब कोई राजेंद्रसिंह तैयार होकर जलपुरुष हो जाया करते हैं। वह लगभग एक घंटे का साथ, मुझे पानीदार बना गया, उनके शब्द प्रकृति की इस पत्रिका में साहस का ऐसा खाद भर गए कि इसे अंकुरित तो होना ही था...। 

खूब बधाईयां और आपको आदरणीय भाईसाहब...ईश्वर आपको लंबी उम्र दे, ताकि इस प्रकृति, धरा और पानी के लिए हम सभी आपके नेतृत्व में मिलकर सार्थक प्रयास जारी रखें...


स्ंदीप कुमार शर्मा,
संपादक, प्रकृति दर्शन, राष्ट्रीय मासिक पत्रिका

 

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6 Comments

  1. शुभकामनायें और साधुवाद इस शुभकर्म के लिये।

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    1. जी बहुत आभार प्रवीण जी

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  2. आज दैनिक जागरण में पढ़ा -- जलपुरुष राजेन्द्र जी का जन्म दिन है | उनके बारे में आपके जरिये भी बहुत कुछ जाना | एक वैभवशाली आजीविका का अवसर छोड़कर पानी के लिए अतुलनीय प्रयास करने और धरती के साथ जुड़ने की उनकी विराट भावना को नमन |प्रकृति का आशीर्वाद उनके साथ है | आपकी पत्रिका को ऐसे यशस्वी हाथों में देखना अभूतपूर्व है |ईश्वर उनको दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करे ताकि वे प्रकृति और जल संरक्षण की दिशा में अलख जगाते रहें |

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  3. जी बहुत आभार आपका रेणु जी... । आदरणीय राजेंद्रसिंह जी बहुत गहरे हैं और उनसे कई बार मुलाकात हो चुकी है, इस पत्रिका में अनेक बार विषयों का निर्धारण भी उन्हीं से पूछकर किया जा रहा है, वे हमारे मार्गदर्शक की भूमिका में हैं...।

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  4. जलपुरुष आदरणीय राजेंद्रसिंह जी के पानी के लिए प्रयास करने की उनकी भावना को नमन।

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  5. बहुत सुंदर, सराहनीय तथा प्रेरक प्रसंग, ऐसी बातें जीवन को आनंद से भर देती हैं, जलपुरुष आदरणीय राजेंद्र सिंह जी को तथा आपको मेरा सादर नमन।

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