Ad code

प्रकृति और सुधार की बातें करेंगे


सब्सक्राइब कीजिएगा... आपकी पत्रिका प्रकृति दर्शन का ही यूट्यूब चैनल है...। इस पर केवल प्रकृति और सुधार की बातें करेंगे... सुधार की ओर अग्रसर होंगे...। सब्सक्राइब कीजिएगा... मुझे आपकी जरूरत है..प्लीज़।

हम प्रकृति बदलना चाहते हैं, हम पर्यावरण सुधार के लिए एक पत्रिका निकाल रहे हैं, आप पहले पत्रिका देखें और तय करें कि आपको हमारे साथ आना चाहिए या नहीं। हम इतना चाहते हैं कि प्रकृति में सुधार केवल किसी के प्रयासों से नही होगा उसके लिए सभी को समग्र प्रयास करने होंगे। हम पौधारोपण कर रहे हैं उन पौधों का जो प्रकृति के मित्र पौधे हैं, आप भी हमारे साथ आना चाहते हैं तो स्वागत है...पत्रिका डिजिटल मोड पर भी उपलब्ध है उसके लिए आप वेबसाइट या सोशल मीडिया के किसी भी लिंक पर क्लिक कर सकते हैं। हमारा निवेदन है कि प्रकृति ऐसी ही रही तब निश्चित मानियेगा कि हमारे बच्चों का भविष्य बहुत खतरे में है...सोचिएगा मत अब अपने अपने क्षेत्र में पौधे लगाईयेगा...बेहतर हो तो नीम, पीपल, आंवला, तुलसी या प्रकृति को संवर्धन देने वाला कोई और पौधा....। प्रकृति दर्शन, राष्ट्रीय मासिक पत्रिका केवल वैचारिक दृढ़ता लाने का एक प्रयास भर नहीं है हम चाहते हैं कि आम व्यक्ति प्रकृति को समझे और अपनी जिम्मेदारी मानकर उसके सुधार के लिए आगे आए। जमीनी कार्य हों, विचारों से जागरुकता आती है लेकिन सुधार तो जमीनी कार्य से ही नजर आता है। यही कारण है कि पत्रिका के प्रकाशन के साथ ही हम गोपालदत्त शिक्षण समिति, एनजीओ के साथ मिलकर ‘हरी हो वसुंधरा’ पौधारोपण अभियान संयुक्त तौर पर चला रहे हैं, इसमें नीम, पीपल, आंवला, तुलसी का रोपण किया जा रहा है, हमारा उद्देश्य पौधों को वृक्ष बनाना है। अब तक पत्रिका ने देश और दुनिया के पर्यावरण से संबंधित सभी प्रमुख विषयों पर अपने अंक प्रकाशित किए हैं...अधिक जानकारी के लिए आप वेबसाइट पर देख सकते हैं।

नीचे लिंक पर क्लिक कीजिएगा...शुरुआत है और आपके साथ की आवश्यकता है...


Post a Comment

8 Comments

  1. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगवार(१७-०८-२०२१) को
    'मेरी भावनायें...'( चर्चा अंक -४१५९ )
    पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

    ReplyDelete
  2. आभार आपका...। साधुवाद

    ReplyDelete
  3. आप जन जागरण के साथ साथ सक्रिय रूप से पर्यावरण संरक्षण के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं । पौधे लगाते समय आपके सुझाव याद रहेंगें।

    ReplyDelete
  4. स्वागतयोग्य उपक्रम ! साधुवाद ! सफलता की कामना !

    ReplyDelete
  5. अवश्य।
    साधुवाद आपको।

    ReplyDelete

Comments