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‘हर बूंद अमृत’

 


दोस्तों मासिक पत्रिका ‘प्रकृति दर्शन’ जुलाई का अंक कुछ देरी से आया है...क्षमाप्रार्थी हैं...। यह अंक दो हिस्सों में विभाजित किया गया है। पहला हिस्सा प्रकृति पुत्र आदरणीय सुंदरलाल बहुगुणा जी को समर्पित है, उनके जीवन को छूते कुछ संस्मरण...कुछ आलेख। दूसरा हिस्सा ‘हर बूंद अमृत’ बारिश की बेरुखी, बारिश के आने पर उसको लेकर हमें क्या करना होगा, क्या सोचना होगा और बारिश की बूंदें हमारे मानव जीवन के लिए क्या महत्व रखती हैं....यह सभी समाहित है...। कवर पेज ख्यात वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर आदरणीय अखिल हार्डिया जी, इंदौर, मप्र का है, आपके अवलोकनार्थ है...। 

बताते हुए हर्ष हो रहा है कि इस अंक में हमारे दो ब्लॉगर साथी भी इस अंक में अपनी रचनाओं के साथ हैं...। श्रीमती जिज्ञासा सिंह जी और श्रीमती कामिनी सिन्हा जी। आप दोनों को खूब बधाई...।

पत्रिका का यह अंक गूगल प्ले बुक पर भी उपलब्ध है, आप सीधे लिंक पर क्लिक कर उसे वहां से खरीदकर पढ़ सकते हैं। 

https://play.google.com/store/books/details?id=CaI3EAAAQBAJ



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14 Comments

  1. हार्दिक बधाई संदीप जी |आत्ममुग्धता के इस दौर में आप जैसे कर्मयोगी जो कर्म ध्वजा फहराए हुए हैं ,उसके परिणाम सकारात्मक हों यही कामना करती हूँ | पत्रिका को देखती हूँ | कामिनी जी और जिज्ञासा जी को बहुत बहुत बधाई पत्रिका के इस अनमोल अंक का हिस्सा बनाने के लिए |

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    1. आभारी हूं आपका रेणु जी...आपकी प्रतिक्रया मुझे बेहतर करने को प्रेरित करती रही है...।

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  2. आपने इस शुभ काम में हमें भी सहभागी बनने का अवसर देने के लिए आपका हृदयतल से धन्यवाद संदीप जी,आपका यहां कार्य पहले फुले-फले और प्रकृति के दुश्मनों को कुछ तो सीख मिले,ऐसी कामना है। सादर नमन आपको

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    1. आभार आपका भी कामिनी जी...आपका आलेख और लेखन दोनों ही आपकी तरह सहज हैं...। खूब बधाई....आपकी पत्रिका है लिखती रहियेगा।

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  3. नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (12-07-2021 ) को 'मानसून जो अब तक दिल्ली नहीं पहुँचा है' (चर्चा अंक 4123) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है। रात्रि 12:01 AM के बाद प्रस्तुति ब्लॉग 'चर्चामंच' पर उपलब्ध होगी।

    चर्चामंच पर आपकी रचना का लिंक विस्तारिक पाठक वर्ग तक पहुँचाने के उद्देश्य से सम्मिलित किया गया है ताकि साहित्य रसिक पाठकों को अनेक विकल्प मिल सकें तथा साहित्य-सृजन के विभिन्न आयामों से वे सूचित हो सकें।

    यदि हमारे द्वारा किए गए इस प्रयास से आपको कोई आपत्ति है तो कृपया संबंधित प्रस्तुति के अंक में अपनी टिप्पणी के ज़रिये या हमारे ब्लॉग पर प्रदर्शित संपर्क फ़ॉर्म के माध्यम से हमें सूचित कीजिएगा ताकि आपकी रचना का लिंक प्रस्तुति से विलोपित किया जा सके।

    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।

    #रवीन्द्र_सिंह_यादव

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    1. आदरणीय रवींद्र जी आपका कोटि कोटि आभार।

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  4. रचनाकारों को पत्रिका में स्थान पाने की हार्दिक बधाई।

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    1. बहुत बहुत आभार आपका विकास जी।

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  5. सराहनीय प्रयास। पढ़ते हैं जाकर।

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    1. अवश्य प्रवीण जी...आभार आपका।

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  6. हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं

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  7. संदीप जी,पहले तो हार्दिक शुभकामनाएं इतना सुंदर अंक बनाने के लिए,सोचा था कि कविता के माध्यम से बधाई दूंगी, पर कुछ ऐसी व्यस्तता आन पड़ी कि कविता नहीं बन पाई,pdf देख चुकी हूं,शानदार अंक,बहुत बढ़िया चयन लेख और कविताऐं दोनों ।आपकी पत्रिका एक दिन जरूर शिखर पर पहुंचेगी,ये हार्दिक शुभकामनाएं हैं, मेरी रचना को मान देकर आपने अनुगृहीत कर दिया बहुत बहुत आभार।

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  8. आभार आपका जिज्ञासा जी...। आपका लेखन उच्च कोटि है और गहनता से परिपूर्ण...। पत्रिका आप जैसे सहयोगियों से ही बेहतर दिशा तय कर रही है...। सहयोग बनाए रखियेगा... आपकी पत्रिका है...।

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