प्रकृति दर्शन, राष्ट्रीय मासिक पत्रिका के जून माह के अंक का कवर पेज-
सवाल आक्सीजन का है ?
कवर बनाते समय खूब सोचा गया कि भयावह हालात दिखाते हैं, हांफते लोग दिखाते हैं, मरते शरीर दिखाते हैं, कटे जंगल दिखाते हैं...फिर सोचा कि पहले ही ये दौर हमारे अंदर नकारात्मकता का जहर भर गया है, ऐसे में हमें वह दिखाना चाहिए जो एक संबल बंधाए, उम्मीद बंधाए, हौंसला बंधाए...तब हमने ये फायनल किया...क्योंकि हमारे लिए ये पत्रिका केवल एक पत्रिका नहीं है ये उम्मीद है जो एक दिन इस धरा पर पूरी ताकत से अंकुरित होना सिखा जाएगी।
कवर पेज आपके अवलोकनार्थ है, कवर पर फोटोग्राफ ख्यात वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर श्री अखिल हार्डिया जी का है। पत्रिका का लिंक भी जल्द शेयर किया जाएगा। काफी मंथन के बाद और कई एक्सपर्ट की राय के बाद इस कवर पेज को बनाया गया है...आप भी अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दीजिएगा...।
जल्द ही इस पत्रिका का गूगल लिंक यहीं पर शेयर कर दिया जाएगा।
ब्लॉग लिख रहे समस्त साथियों से बेहद विनम्रता से निवेदन है क्योंकि वे लिखना जानते हैं, वे उन असंख्य उन लोगों से अलग हैं जो लिखना नहीं जानते जिन्हें अपनी बात की अभिव्यक्ति नहीं आती...यदि आप इस पत्रिका को पढ़ना चाहते हैं या इसके पुराने अंक देखना चाहते हैं तब मुझे आप नीचे लिखे नंबर पर अपना व्हाटसऐप नंबर दीजिएगा ताकि हम उस पर आपको सीधे पीडीएफ सेंड करेंगे, ये सुविधा केवल ब्लॉग पर लिख रहे साथियों के लिए हैं...आप चाहें तो लेखन के तौर पर ही हमसे जुड़ सकते हैं, केवल इतना कहना चाहूंगा कि अभी हम किसी भी तरह का मानदेय देने की स्थिति में नहीं हैं...
संदीप कुमार शर्मा,
संपादक, प्रकृति दर्शन, मासिक पत्रिका
व्हाटसऐप- 8191903651, ईेमल- editorpd17@gmail.com
15 Comments
आदरणीय संदीप जी,बहुत ही सुंदर और सराहनीय कवर पेज है। एक-एक पौधे को एक बच्चें की तरह संरक्षण देना होगा तभी भविष्य में हम ऑक्सीजन संकट से निजात पा सकेंगे ,सादर नमन आपको
ReplyDeleteजी भविष्य का चेहरा तभी सुधरेगा जब वर्तमान ऐसा होगा...। आभार आपका कामिनी जी..।
ReplyDeleteसादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल .मंगलवार (8 -6-21) को " "सवाल आक्सीजन का है ?"(चर्चा अंक 4090) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
कामिनी जी..आपका आभारी हूं, आप मेरे प्रयासों में साझीदार बनकर उन्हें एक उददेश्य की ओर ले जाने में मदद कर रही हैं, प्रकृति सभी जिम्मेदारी है और ये हममें से हर एक को समझ लेना होगा, आपका साधुवाद...।
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर सराहनीय पहल।
ReplyDeleteकवर भी बहुत ही सुंदर।
सादर
जी बहुत आभार आपका अनीता जी...
Deleteबिल्कुल ! हमें वही दिखाना, बताना, समझाना चाहिए जो एक संबल बंधाए, उम्मीद बंधाए, हौंसला बंधाए। आज सकारात्मकता की सही सोच की जितनी जरुरत है, शायद पहले कभी नहीं रही
ReplyDeleteजी आपका कथन सच है कि सकारात्मकता से ही सुधार के रास्ते दिखाई देंगे। आभार आपका शर्मा जी।
Deleteजब सवाल ऑक्सीजन का है और ऑक्सीजन के मुख्य स्रोत पेड़-पौधे जो कि हमारी ही अल्पबुद्धि के कारण कम हो गये तो अपने ही निहितार्थ हमें इन्हें ठीक ऐसे ही सुरक्षित रखना होगा जैसे इस कवर पृष्ठ पर दिखाया गया है....कवर पृष्ठ देखकर ही समझ आ रहा है कि आखिर इस पुस्तक का उद्देश्य क्या है...।
ReplyDeleteशानदार पहल हेतु अनंत शुभकामनाएं एवं बधाई आपको।
आभार आपका सुधा जी....ये प्रकृति के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में हमारे प्रयास हैं जिन्हें में सभी के बनाना चाहता हूं।
Deleteसच कहा आपने सिर्फ पर्यावरण दिवस मनाने से या उस दिन दो चार पोने लगाने भर से बस खानापूर्ति भर होनी है ।
ReplyDeleteसार्थक कुछ करना हो तो अभी से लगना होगा सभी को , पेड़ों को लगावो फिर बच्चों की तरह उन्हें संगरक्षण दो। और सभी को पेड़ लगाओ पेड़ बचाओ अभियान में शामिल होने को प्रेरित करो तो एक सार्थक कदम होगा ।
बहुत सार्थक सुंदर लेख।
पुस्तक का कवर पेज सार्थक सुंदर है।
जी आभारी हूं आपका, हमें बेहतर की ओर अग्रसर होना है क्योंकि तभी हम प्रकृति के प्रति अपने आप को सकारात्मक बना पाएंगे।
Deleteपोने को पोधे पढ़ें कृपया।
ReplyDeleteसकारात्मकता से भरपूर कवर पेज । पर्यावरण संरक्षण पर जागरूकता
ReplyDeleteभरा रूझान पैदा करना बहुत बड़ा यज्ञ है । इस पहल के लिए आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं ।
बहुत बहुत आभार आपका मीना जी। आपका सहयोग हमेशा मिलता रहा है, ये हम सभी के प्रयास एक दिन हमें सही मंजिल तक ले जाएंगे।
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