फोटोग्राफी नज़र और नजरिया
ये नज़र का कमाल है... अक्सर छत की मुंडेर या दीवार पर खुरचना या कुरेदना मानव प्रकृति है... कुरेदते वक्त हम अनायास ही सृजित कर रहे होते हैं, मैंने यही कुछ आज खोजा... जब में इन खुरचनों को देख रहा था उसी समय मुझे इनमें जीवन और कुछ बोलते चित्र नज़र आए...। आप भी देखिए और महसूस कीजिए...। हमारे आसपास बहुत है खुश रहने को...बस हम अपनी नज़र और नजरिया बदल लें...।
हरेक चित्र देखिएगा... कुछ हटकर नज़र आएगा।
8 Comments
बहुत खूब ..... नज़र भी नज़रिया भी ।
ReplyDeleteजी आभार...
Deleteये दरारे बहुत कुछ कहती हैं
ReplyDeleteसादर
इनमें जीवन भी है और गहरी कसक भी...। आभार आपका अपर्णा जी...।
ReplyDeleteसही ,नज़र अपनी अपनी
ReplyDeleteआभार आपका
Deleteबहुत सुंदर दृष्टि कोण है अपना अपना।
ReplyDeleteसादर
आभार आपका
Delete