जिंदगी तेरा भी जवाब नहीं, जिसे देने पर आए तो गंगू तेली को शहंशाह बना दे और छीनने पर आए तो आदमी को खच्चर बना दे...। तेरी रजा में मजा है वरना सजा ही सजा है...। 5 डिग्री तापमान में हरिद्वार में जब पीठ पर लटके बच्चे को देखा तो अपने गर्म कपड़ों पर शर्म आ गई... जिंदगी वे भी जीते हैं जिन्हें केवल तन ही मिला है और वे भी जीते हैं जिन्हें केवल धन मिला है...। काफी देर देखता रहा उस बच्चे को और वो हंसता हुआ जिंदगी का वो अनूठा चेहरा दिखा रहा था...। मां बाप को पता ही नहीं कि उनकी पीठ पर होले से जिंदगी मुस्कुरा रही थी...।
1 Comments
वाह👌👌👌 बहुत सुंदर!! संदीप जी एक रचनाकार किसी भी घटना से अपने साथ वो ले आता है जिसके बारे में दूसरे लोग सोच भी नहीं सकते। खुशियों की नहीं दुकान कोई, ये मिलती नहीं बाजारों में। सस्नेह शुभकामनाएं🙏 💐💐🙏
ReplyDelete