पशुपालन रीढ़ है, अपार संभावनाएं
भारत में कृषि को यदि उसकी आर्थिक व्यवस्था का मूल माना जाता रहा है तो पशुपालन उस ग्रामीण बहुल हिस्से के शक्तिशाली हाथ माने जा सकते हैं। पशुपालन देश के ग्रामीण हिस्सों में कृषि के साथ साथ फलता फूलता गया , कृषि में बेशक आधुनिक उपकरणों का प्रवेश हो चुका…
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